मधेपुरा : रिजल्ट में गड़बड़ी किये जाने को लेकर रोषपूर्ण प्रदर्शन, समाधान नहीं होने पर आत्मदाह धमकी

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार :  भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2017-19 के अनुत्तीर्ण छात्र विश्वविद्यालय द्वारा रिजल्ट में गड़बड़ी किये जाने को लेकर सोमवार को विश्वविद्यालय के मेन गेट को चार घंटें तक पूरी तरह से बंद रखा। इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शकारी छात्र मेन गेट के अंदर के लोगों को न तो बाहर निकलने नहीं दे रहे थे और न ही बाहर के लोगों को अंदर जाने दिया जा रहा था।

प्रदर्शन का वीडियो :  

बीएड अनुत्तीर्ण छात्रों के समर्थन में संयुक्त छात्र संगठन के नेता भी शामिल थे। गेट बंद किये जाने पर विश्वविद्यालय के परिसंपदा पदाधिकारी डा बीपी यादव ने आंदोलकारी छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सूनी। सभी एक स्वर में कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय को मुख्य द्वार पर बुलाने की मांग पर अडिग थे।

बीएनएमयू बना भ्रष्टाचार का अड्डा

बीएड सत्र 2017-19 अनुत्तीर्ण छात्रों का समर्थन में उतरे संयुक्त छात्र संगठन के छात्र नेताओं ने भी विश्वविद्यालय पर बीएड के रिजल्ट में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बीएनएमयू भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। उन्होंने कहा कि बीएड अनुत्तीर्ण छात्रों की मांगों पर विश्वविद्यालय प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रही है. 14 अगस्त को परीक्षा बोर्ड की बैठक में भी अनुत्तीर्ण छात्रों के मामले पर कोई विचार विमर्श नहीं किया गया। इससे बीएड के इन 88 छात्रों के भविष्य पर अंधकार छा गया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन या तो छात्रों को पास कर दें या विशेष परीक्षा आयोजित करें।

विवि को छात्र की समस्या से नहीं रह गया है कोई सरोकार

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन संवेदनहीन है। इन्हें छात्रों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है, छात्र जब अपनी समस्याओं को लेकर कुलपति के समक्ष जाते हैं तो कुलपति हर समस्या के समाधान में खुद को अक्षम बता कर छात्रों को राज भवन जाने के लिए कहते हैं। निशांत यादव ने कहा कि जब कुलपति किसी भी कार्य को करने में, छात्रों की समस्याओं को हल करने में अगर अक्षम है तो विश्वविद्यालय को ऐसे कुलपति की आवश्यकता नहीं है, वह अपनी मर्जी से विश्वविद्यालय छोड़कर चले जाए, अन्यथा हम लोग जबरन उन्हें विश्वविद्यालय में प्रवेश करने नहीं देंगे। चार महीनों से कुलपति की संवेदनहीनता ने छात्रों को उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य कर दिया है।

नहीं हुआ समाधान तो करेंगे आत्मदाह

सभी छात्रों ने एकमत हो कर कहा कि समस्या का समाधान नहीं होने पर बीएड के अनुत्तीर्ण छात्र कुलपति कार्यालय समीप के आत्मदाह करेंगे। इसकी जिम्मेवारी विश्वविद्यालय प्रशासन एवं कुलपति की होगी। एआईएसएस के जिलाध्यक्ष मो वसीमुद्दीन उर्फ नन्हें ने कहा कि विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में माफियाओं का जमावड़ा लगा रहता है। उन्होंने कहा कि छात्र अपनी समस्याओं को लेकर दर-दर भटक रहे हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन बंदरबांट में व्यस्त है। छात्रों की समस्याओं से विश्वविद्यालय की संवेदनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

देर शाम तक चला वार्ता का दौर

आंदोलन के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन के कई अधिकारियों के द्वारा छात्र नेता एवं छात्र छात्राओं से वार्ता कर हंगामे को शांत कराने की कोशिश की गई, लेकिन छात्र मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद छात्रों को उग्र होता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही सदर अंचलाधिकारी वीरेंद्र झा एवं सदर थाना अध्यक्ष प्रशांत कुमार मौके पर पहुंचे छात्रों से वार्ता किया। अधिकारियों से वार्ता के दौरान कुलपति से वार्ता कराने का आश्वासन के बाद छात्र शांत हुए, जिसके बाद छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने देर शाम कुलपति से वार्ता करने पहुंचे।

 मौके पर चंदन सागर,  राजकुमार, रंजीत, ब्रजेश, सुमित,  अरविंद, छोटू, पिंकू, रेशमी, प्रीति, स्वेता, चंदन, अमित, राजेश, आलोक, अतुल, जयनंदन, अमित, सागर लाल, भावेश, अर्जुन, ज्योति प्रिया, राकेश, अखिलेश, रश्मि, गुड़िया, ब्यूटी, स्नेहलता, सनोज, विवेक, सोनाक्षी समेत अन्य छात्र उपस्थित थे।


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