कटिहार/बिहार : झारखंड में, भीड़तंत्र का शिकार बने तबरेज़ अंसारी के हत्यारों और देश भर में मॉब लिंचिंग के मुजरिमों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग करने के लिये कटिहार में विरोध प्रदर्शन किया गया।
एस आई ओ कटिहार शाखा की ओर से और नगर के दूसरे संगठनों की अपील पर देर शाम शहर के महमूद चौक से कैंडल मार्च निकालकर शहीद चौक तक पहुंची और रैली की, और वहां पहुंचकर रैली जलसा में तब्दील हो गई ।
सैकड़ों की भीड़ को संबोधित करते हुए एस आई ओ के लीडर मोहम्मद आरजू ने कहा कि भारत में गौरक्षा और जय श्री राम के नाम पर अल्पसंख्यकों को जिस तरह से भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या की जा रही है, उस संदर्भ में आज सम्पूर्ण भारत में, रोष है। दादरी के अख़लाक़ से आरंभ हुए मौत के इस तांडव ने अब झारखंड के तबरेज़ अंसारी को अपनी लपेटे में ले लिया है। तबरेज़ अंसारी को तो भीड़ ने मारने के बाद पुलिस के हवाले किया, उस समय उसे मेडिकल ट्रीट मेन्ट की आवश्यकता थी परंतू पुलिस की लापरवाही में उसकी मौत हो गयी।
उसके बाद कारवान अमन वह इंसाफ के जिला समन्वयक मौलाना शाकिर आलम कासमी ने कहा कि झारखंड में भीड़तंत्र के द्वारा मोहम्मद तबरेज अंसारी को पीट-पीटकर अधमरा कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया मगर पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो जाने से कड़े शब्दों में झारखंड पुलिस और झारखंड सरकार की निंदा की है। मौका पर मौजूद मास्टर अबुल कलाम आजाद ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ बने इस माहौल से निपटने के लिए अब समय आ गया है कि देश के सत्ता पर आसीन नेताओं को झिंझोड़ा जाए और लॉ एंड आर्डर को दुरुस्त करने के लिए ठोस क़दम उठाए जाएं।
उन्होंने प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति से मांग की के वह समस्त राजनीतिक पार्टियों की मीटिंग बुला कर लोकसभा एवं राज्य सभा द्वारा एक एैसा क़ानून पारित करें जिसमें निम्न लिखित बिंदू हों:
01.जो भीड़ किसी भी व्यक्ति को मारे और वो विक्टिम मर जाये तो भीड़ में शामिल हर शख़्स को फ़ांसी या ग़ैर ज़मानती उम्रक़ैद की सज़ा दी जाये, और अगर विक्टिम ज़िंदा बच जाये तो भीड़ में शामिल हर एक मुज्रिम को 14 साल की ग़ैर ज़मानती जेल हो।
02. जिस क्षेत्र में मॉब लीचिंग की घटना हो, वहां के पुलिस प्रभारी, और दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों को बराबर का मुजरिम समझते हुये उन्हें नौकरी से तुरंत बर्ख़ास्त कर दिया जाये।
3. गौरक्षा के नाम पर भीड़ का शिकार होकर शहीद हुये लोगों को राजकीय सम्मान के साथ श्रंद्धाजलि दी जाये, उनके वारिसोॆ को 25 लाख रूपयों का मुवाअज़ा और कम से कम 2 लोगों को सरकारी नौकरी दी जाये और मॉब लीचिंग की घटनाओं मेॆ घायल हुये व्यक्तियों को 10 लाख रुपये मुआवज़ा और सरकारी इलाज की सहायता दी जाये।
04. मॉब लीचिंग की घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जज़ों की टीम करे और मॉब लीचिंग के घटना की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो।
ज्ञापन में कहा गया कि आज पूरे देश के कई शहरों में मॉब लिंचिंग के विरुद्ध प्रदर्शन किया जा रहा है, कटिहार में होने वाले इस धरना प्रदर्शन के द्वारा हमारी मांग है कि भीड़तंत्र के खिलाफ़ कठोर कार्रवाई करें।
प्रदर्शन में एस आई ओ के जिला अध्यक्ष एजाज़ इक़बाल, जमात-ए-इस्लामी हिन्द कटिहार, शाखा के अमीर मोहम्मद अयूब अहमद अंसारी, मोहम्मद रियाजउद्दीन, मोहम्मद साकिब आलम, मोहम्मद अनवर आलम, मो0 महफूज़ हासमी, मास्टर मतलूब खान, सोनू खान के अलावा सैंकड़ों की संख्या में छात्र, नगर वासी एवं समाज सेवी मौजूद रहे।