वैशाली/बिहार : रमज़ान के पाको पवित्र महीना रुखसत होने को है। रमजान मुबारक महीने की आखिरी जुमा यानी अलविदा जुमा ख़तम हो गई । रोजेदारों के लिए इस जुमा की काफी अहमियत होती है। रमजान के पाक व पवित्र महीने के आखिरी जुमा को अलविदा की नमाज पढ़ी जाती है। अलविदा की जुमा के लिए शुक्रवार को नमाजियों की काफ़ी भीड़ देखने को मिला। अलविदा जुमा की तैयारी प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों में पहले से कर ली गई थी। रोजेदारों को इस जुमे यानी अलविदा का बेसब्री से इंतजार था। माना जाता है कि अलविदा की नमाज में साफ दिल से जो भी दुआ की जाती है , वह दुआ अल्लाह ताला की बारगाह में जरूर पूरी होती है। आप ईद आने में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। अलविदा जुमा का मतलब यह है कि रमजान हमसे रुखसत हो रहा है इसलिए इस मौके पर आने वाला रमजान हम सबको नसीब हो।
रमजान के महीने में आखिरी जुम्मा शुक्रवार को ही अलविदा जुमा कहते हैं । अलविदा जुमा के बाद से मुसलमान ईद की तैयारी में लग जाते हैं। अलविदा जुम्मा रमजान माह के तीसरे अशरे रमज़ान के आखिरी 10 दिन में पड़ता है। यह अफजल जमा होता है । इससे जहन्नम(दोजक) से निजात मिलती है। वही महुआ के प्रसिद्ध शाही मस्जिद में मस्जिद के इमाम मुफ्ती अली रज़ा मिस्बाही ने नमाज़ पढ़ाई। जबकि चकमोजाहिद मस्ज़िद में कारी जावेद अख्तर फैजी ने नमाज़ पढ़ाई।
महुआ मस्जिद में हाफ़िज़ तौक़ीर सैफी, मोहम्मद फ़हीम उर्फ बब्लू, राजद के प्रखंड अध्यक्ष नसीम रब्बानी, मोहम्मद सेराज खान, मकबूल अहमद शहवाज़पूरी, वार्ड पार्षद सेराज अहमद, डॉ0 इरफ़ान खान, मौलाना शमीम खान,अब्दुल हन्नान खान , सफदर इरशाद, मोहम्मद निज़ाम वहीं समसपूरा मस्जिद में मौलाना मोखतार आलम ने नमाज़ पढ़ाई,के अलावह हजारों नमाजियों ने रमज़ान के आखिरी जुमा अलविदा की नमाज अदा की।