मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है. हम सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं। राजभवन में आयोजित बैठक में भी यूएमआईएस से संबंधित हमारे प्रयासों को सराहना मिली है।
यह बात बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने कही। वे गुरूवार को बीएनएमयू के केंद्रीय पुस्तकालय में यूएमआईएस का उद्घाटन कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि अच्छा काम करने में बाधाएंं आती हैं। ॠषियों की तपस्या को भंग करने में भी दुष्ट लोग लगे रहते थे। लेकिन हमें विध्न-बाधाओं से घबङाना नहीं है। कुलपति ने कहा कि यूएमआईएस की प्रगति की निरंतर समीक्षा होगी। सभी महाविद्यालय के प्रधानाचार्य अपने-अपने स्तर पर हेल्प डेस्क बनाएंं। हम इस बात का ख्याल रखें कि किसी भी विद्यार्थी को कोई भी असुविधा नहीं हो। कुलपति ने विद्यार्थियों से अपील की कि यदि उन्हें कोई भी कठिनाई हो, तो विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के हेल्प डेस्क से सहयोग लें।
नैक की मान्यता से बढ़ेगा विश्वविद्यालय का गौरव कुलपति ने कहा कि नैक हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है. नैक की मान्यता से हमारा गौरव बढ़ेगा. पंद्रह दिन के अंदर सभी महाविद्यालय अपना आईक्यूएसी में पंजीयन करा लें, इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने कहा कि हम शुद्ध मन से सेवा भाव से काम कर रहे हैं, अब सभी कामों में सुविधा होगी, परीक्षा संचालन सुगम होगा।
इस अवसर पर पूर्व प्रति कुलपति डा जयप्रकाश नारायण झा, डीएसडबल्यू डा शिवमुनि यादव, कुलानुशासक डा अशोक कुमार यादव, नोडल पदाधिकारी डाॅ अशोक कुमार सिंह, पीआरओ डा सुधांशु शेखर, सीनेटर डा नरेश कुमार, जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डा अरुण कुमार, एलएन कॉलेज बनगांव के प्रो प्रकाश चंद्र खां, डा अनिल कान्त मिश्र, डा केएस ओझा, डा अशोक कुमार यादव, डा माधवेन्द्र झासहित विभिन्न अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित थे।