पटना : पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी आरके शर्मा को मिला सभी सवर्ण उम्मीदवारों का समर्थन

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अनुप ना. सिंह
स्थानीय संपादक

पटना/बिहार : पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के सभी सवर्ण उम्मीदवारों ने संयुक्त रूप से अपना समर्थन निर्दलीय प्रत्याशी आरके शर्मा को दिया है। अब इसका असर भी पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में नजर आने लगा है।  मुद्दा विहिन चुनावी बिसात पर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से सवर्ण मोर्चा के संयुक्त उम्मीदवार रमेश कुमार शर्मा ने विकास के मुद्दे को उठाकर पाटलिपुत्र की राजनीति को गरमा दिया है ।

आज रमेश कुमार शर्मा अपने हजारों समर्थकों के साथ पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के फुलवारी इलाके में जनसंपर्क अभियान के दौरान कुर्जी मोहम्मदपुर मंहगूपुर बभनपुरा आकोपुर ईशापुर सिमरा कोरजी फुलियाटोला, आकोपुर बग्घा टोला, कुर्जी चक, मुरादपुर, हिन्दुनी, पकड़ी और हुलुकपुर फरीदपुर नोहसा का दौरा किया।

 अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान श्री आर के शर्मा लोगों से मिलते जुलते उन्हें सबसे पहले मतदान के लिए जागृत करते हैं।  उन्हें उनके हक के बारे में बताते हैं साथ ही साथ वे लोग कहते हैं कि आपका एक वोट देश की तकदीर बदल सकता है।  आपके पास बहुत मांगने वाले हर एक उम्मीदवार से आपको सवाल करने का अधिकार जो लोग आपके यहां से सांसद रह चुके हैं या है उनसे आप सीधा पूछ सकते हैं कि उन्होंने आप के लिए क्या किया पिछले चुनाव में उन्होंने जो वादे किए थे क्या वह पूरे हुए।  अपने चुनाव प्रचार के दौरान आर के शर्मा लोगों से वादा नहीं करते हैं बल्कि शपथ ले रहे हैं उसे कहते हैं।  बेरोजगार युवाओं के लिए उनके पास एक विजन है चुनाव के बाद वे अपनी कंपनी में 100 से ज्यादा युवाओं को स्थाई नौकरी देंगे उन युवाओं का चुनाव लोगों के समूह के द्वारा ही किया जाना है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सच है।  इस बार सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने बिहार में सबसे सजग भूमिहार जाति को दरकिनार करने का काम किया है।  यह भी सच है कि भूमिहार समाज के सभी बड़े संगठनों ने मिलकर संयुक्त रूप से पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से उन्हें मैदान में उतारा है। वे सवणो के साथ ही साथ सभी वर्णों के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं।  

समतामूलक समाज के निर्माण के लिए लोगों से बात करते हैं उन्हें लगता है कि जब आजादी के 70 वर्षों के बाद भी सड़क बिजली पानी स्वास्थ्य शिक्षा बेरोजगारी जैसी मूलभूत समस्याओं का अंत हो जाता तो यह सब चीजे आज चुनावी मुद्दा नही बनती। राजनीतिक दलों जनता से लंबे चौड़े वादे करते हैं 5 साल बीत जाता है फिर चुनाव आता है, क्या कोई ऐसी एजेंसी है जो चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी की जांच करें कि उसने पिछले चुनाव में जो वादे किए थे उसे उसने पूरा किया की नही।  लोकतंत्र में जनता मालिक है और प्रतिनिधि सेवक परचुनाव खत्म होते ही जनता सेवक हो जाती है और चुनाव जीतने वाले मालिक बन जाते है। वे पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के गांव गांव में घूमकर लोगों को सबसे पहले मतदान करने के लिए जागृत कर रहे हैं।  साथ ही साथ में कहते हैं कि जितने भी प्रत्याशी चुनाव में खड़े हैं। सब के बारे में जानिए आपस में बात कीजिए और चुनिए उन्हें जो सही मायने में आप के प्रतिनिधि बनने की योग्यता रखते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर मुझे चुनते हैं तो मैं बेटा बनकर सदैव आप के लिए पूरी ईमानदारी से खड़ा रहूंगा। अपने चुनाव चिन्ह पानी के जहाज को लेकर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के गांव गांव में घूम रहे है।


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