बिहारीगंज/मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा जिले के बिहारीगंज बैठया हथिऔंदा स्थित मदरसा दारुल इल्मइब्राहिमी में मुफ्ती खालिद सैफुल्लाह रहमानी की निजामत में दस्तारबंदी का आयोजन किया गया। उलेमाओं ने एकता एवं भाईचारा पर जोर दिया। मदरसे से तालीम कर चुके बच्चों की दस्तारबंदी कर सनद दी गई। दस्तारबंदी का आगाज तिलावते कुरान के साथ किया।
मुफ्ती खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि अल्लाह की मुकद्दस किताब कुरान को अपने दिल में बसाना एक मुसलमान के लिये बड़े शर्फ की बात है। इस्लाम में इल्म हासिल करना अहम फरीजा है। इल्म ऐसी दौलत है कि जो कभी खत्म नहीं होती। मदरसा दारुल इल्मइब्राहिमी के शिक्षक हाफिज मोहम्मद एजाज ने कहा कि इस्लाम अमन व भाईचारा का पैगाम देता है। दस्तारबंदी में आलम ऐसा था कि सारा जमात ही नातों और शायरों की शायरी में झूमते रहे।
साथ ही साथ उन्होंने आए हुए समस्त लोगों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि यह मदरसा हर साल ही ऐसे हीरे पैदा करता है जो दीन और इस्लाम की रोशनी हमारे लोगों तक पहुंचाएंगे। मदरसा के चार बच्चों मो0 आसिफ आलम, मो0 एजाज, मो0 इरशाद आदि को हिब्ज कुरान पूरा करने पर सम्मानित किया गया।
मौलाना तौकीर कासमी संबोधित करते हुए कहा कि अल्लाह ने नवी हजरत मोहम्मद साहब को पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा था। उन्होंने अपने जीवन काल में दुनिया को मानवता एवं इंसानियत का पाठ पढ़ाया। उनके अखलाक के सामने पत्थर दिल दुश्मन भी मुरीद हो जाते थे। उन्होंने कहा कि मजहबे इस्लाम के प्रवर्तक मोहम्मद साहब के किरदार हुस्न, अखलाक एवं पैगाम के कारण पूरी दुनिया में इस्लाम धर्म फैला।
मौलाना व कारी खुर्शीद आलम ने कहा कि यह कहना सही नहीं है इस्लाम धर्म हमेशा अल्लाह में विश्वास करने एवं नेक व एक बनने की सलाह दिया करते थे। पैगंबर मोहम्मद साहब की जीवनी पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि उनके मानने वाले कभी दहशतगर्द नहीं हो सकते। हाफिज अलमुद्दीन साहब ने कहा कि आज हमने अल्लाह के हुक्म और रसूल के तरीकों को छोड़ दिया है जिस कारण दुनिया शक की निगाह से देखती है।
मदरसा दारुल इल्मइब्राहिमी में दिनी एवं दुनयावी तालिम देने की व्यवस्था की सराहना की। डा0 रहमानी साहब ने उपस्थित जायरीन से बच्चों की तालीम पर जोर देने की अपील की। मौके पर मो0 सुभान, मो0 दुलारे,मो0 शाहिद,मो0मुन्ना,मो0 बबलू सहित अन्य लोगों ने शिरकत की।