मधेपुरा/बिहार : कानून को ताक पर रखकर अपने वर्दी का गलत इस्तेमाल करना सदर थानाध्यक्ष मनोज कुमार महतो को काफी मंहगा पर गया, डीजीपी के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में थानाध्यक्ष को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है।
पीड़ित परिवार की मानें तो जिला मुख्यालय के एलआईसी रोड वार्ड नंबर 19 में डेढ़ माह पूर्व 17 जनवरी 2019 को सदर पुलिस, सदर सीओ और अभय ट्रैक्टर के सैकड़ों लोगों ने बगैर किसी अधिकारी के आदेश या न्यायिक आदेश के अशोक कुमार के गैराज में लगे दर्जनों नए, पुराने वाहनों को ट्रैक्टर और ट्रॉली से खींचकर बाहर निकाल दिया, वहीं गैराज में रखे सामानों को भी लूटपाट कर वहां दीवाल भी खड़ा कर दिया। जबकि उक्त जमीन को लेकर सिविल कोर्ट मधेपुरा में जिला जज के न्यायालय मुकदमा भी चल रहा है। बताया जाता है कि न्यायालय में उक्त जमीन को लेकर मुकदमा चलने की जानकारी होने के बावजूद सदर थाना अध्यक्ष मनोज कुमार महतो, अपने पुलिस कर्मियों के साथ दूसरे पक्ष को उक्त जमीन पर चहारदीवारी दिलाने में खुलकर सहयोग किये । पीड़ित परिवार ने थानाध्यक्ष यह भी आरोप लगाया है कि चहारदीवारी दिलाने से मना करने पर गैराज के मालिक सहित उनके दो गूंगे-बहरे भाइयों के साथ वहां मौजूद उपद्रवियों और सदर पुलिस ने जमकर दुर्व्यवहार भी किया और उन लोगों को थाना में ले जाकर हाजत में बंद करने की धमकी देकर घर में ही बंद रहने को विवश किया गया।
घटना की जानकारी एसपी, डीआईजी तक को दी गई लेकिन कहीं से कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई, उल्टे श्री कुमार सहित उनके दो गूंगे बहरे भाई सहित पांच लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज कर उन्हें जेल में बंद कर देने की धमकी सदर थाना की पुलिस के द्वारा देने। वहीं स्थल पर मौजूद उपद्रवियों ने सबों को हत्या और अपहरण की भी धमकी दी। गृह स्वामी जहां एक और अपने गैराज के लूटने से खुद को तबाह और बर्बाद महसूस कर रहे हैं। वहीं समाज में सदर पुलिस के समक्ष और सहयोग से दिनदहाड़े ऐसी घटना से भी वे लोग भय और दहशत में हैं। कहीं से भी किसी अधिकारी, पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि ने इस घटना की और झांकना भी मुनासिब नहीं समझा।
पीड़ित श्री कुमार सदर थाना, एसपी, डीआई जी तक को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं। दरभंगा प्रक्षेत्र के आईजी के समक्ष भी अपनी व्यथा दो-दो बार रखी, आईजी ने एसपी और डीएसपी को अति शीघ्र घटना में शामिल दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया लेकिन दोषियों पर कारवाई नहीं हुई। बताया जाता है कि इस संबंध में अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव ने एसपी से बात मामले में जांचकर दोषियों पर कारवाई करने को कहा था बावजूद कुछ नहीं हुआ जिसके बाद परेशान पीड़ित अपनी फ़रियाद को लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानसचिव सहित डीजीपी के पास भी पहुंचे। जहाँ मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने एसपी संजय कुमार को 24 घंटे में कार्रवाई का निर्देश दिया। उनके निर्देश के तुरंत बाद एसपी श्री कुमार खुद घटनास्थल पर पहुंच मामले की जांच कर इसमें शामिल दोषी पुलिसकर्मियों को और उपद्रवियों को चिन्हित कर कार्रवाई की। उन्होंने सदर थानाध्यक्ष मनोज कुमार महतो को दोषी पाते हुए उन्हें निलंबित करते हुए घटना में शामिल 9 नामजद लोगों सहित सैकड़ों अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि इस घटना का मुख्य आरोपी तो एएसआई अरुण सिंह है, जिस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में समाज के लोगों का भरोसा कहां और किस पर होगा।
बहरहाल सदर पुलिस ने महिंद्रा ट्रैक्टर/अभय ट्रैक्टर के डीलर हरे कृष्ण सिंह, अभिनव सिंह, अभिमन्यु झा, सज्जन सिंह, आशीष कुमार, निरंजन सिंह, लाल सिंह, शोभाकर सिंह उर्फ हरिया सहित अरविंद सिंह को लूटपाट और उपद्रव करने में नामजद करते केस दर्ज कर लिया है।