सावधान : शराब कारोबार और कारोबारियों के प्रति सहानुभूति रखने वाले थानाध्यक्ष की अब खैर नहीं, नौकरी से किये जायेंगे बर्खास्त

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सीमाब अख्तर
वरीय उप संपादक

पटना/बिहार :  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में मद्य निषेध से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में अब तक हुई देशी एवं विदेशी शराब की बरामदगी, वाहनों की जब्ती, शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी, गिरफ्तार अभियुक्तों की प्रोफाइल, आपूर्तिकर्ता गिरोह, प्राप्तकर्ता गिरोह, वितरणकर्ता गिरोह, भंडारणकर्ता गिरोह, अनुसंधान में प्रगति, सीमावर्ती जिलों एवं राज्यों पर स्थित चेकपोस्ट की स्थिति, शराब के आगत स्रोत, शराब विनष्टीकरण की मात्रा, गड़बड़ करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियांे पर कार्रवाई सहित शराबबंदी से जुड़े अन्य कई मसलों पर विस्तृत समीक्षा की गई।
समीक्षा बैठक में आर्थिक अपराध इकाई, आई0जी0 प्रोहिबिशन तथा मध निषेध एवं उत्पाद विभाग ने मुख्यमंत्री के समक्ष अलग-अलग विस्तृत रूप से मद्य निषेध के संबंध में की गई कार्रवाइयों से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा ने स्टेट्स रिपोर्ट ऑफ प्रोहिबिशन से संबंधित प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया।
समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब तक थाने या अन्य जगहों पर जो देशी और विदेशी शराब बरामद कर रखी गईं हैं, उसे हर हाल में 30 सितंबर तक विनष्ट करने की कार्रवाई सुनिष्चित करें। साथ ही शराब बरामद होने के 15 दिनों के अंदर उसे विनष्ट करने की प्रक्रिया पूर्ण करने की व्यवस्था सुनिष्चित की जाय। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के पूर्व जितने लोग शराब के धंधे में ट्रेडर (डिस्ट्रीब्यूटर, रिटेलर, परचूनिया) लगे हुए थे, उन पर निगरानी रखी जाय कि शराबबंदी के बाद अब वे क्या कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक गड़बड़ करने वाले थानेदारों पर तत्काल एक्शन लें। अगर उनके विषय में पुख्ता प्रमाण मिलता है तो ऐसे लोगों को सरकारी सेवा में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस महानिदेशक, प्रधान सचिव गृह, अपर पुलिस महानिदेषक आर्थिक अपराध इकाई एवं आई0जी0 प्रोहिबिशन हर महीने नियमित रूप से मीटिंग करें। अगर नियमित रूप से हर महीने बैठक होगी तो मद्य निषेध से संबंधित कोई भी मुद्दा सामने आने पर उसे तत्काल दूर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पाँच-सात जिलों से जो रिपोर्ट आ रही है, उसको देखते हुए अगर और चेक पोस्ट बनाना पड़े तो इस संबंध में अग्रेतर कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि नदी के माध्यम से भी शराब का आवागमन हो रहा है और इसकी रिपोर्ट विशेष कर वैशाली, छपरा और पटना से आ रही है तो तीनों जिलों के एस0पी0 आपस में मीटिंग कर इस पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में समुचित कार्रवाई सुनिष्चित करें। उन्होंने कहा कि इस काम में जो नदी थाने बनाये गये हैं, उसकी भी जिम्मेदारी तय की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश या अन्य राज्यों से शराब की जो खेप आ रही है, उसके स्रोत तक पहुँचना होगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी लागू कर बिहार में सोशल रिफाॅर्म की बुनियाद रखी गयी है और इससे कोई कम्प्रोमाइज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मनाई जाएगी इसलिए डेडीकेशन के साथ प्रोहिबिशन को देखना होगा। शराबबंदी के बाद जो भी कानून के दुरूपयोग करने से संबंधित समस्या आ रही थी, उसे देखते हुये कानून में संशोधन कर उसे दूर किया गया है।

उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर जो अधिकारी इस काम में लगे हुए हैं, उन पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कड़ी निगरानी रखनी होगी ताकि वे कही कोई गड़बड़ नहीं कर सकें। सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर 15 दिन पर मीटिंग कर प्रोहिबिशन की स्थिति की जानकारी ली जाय। उन्होंने कहा कि सभी थानाध्यक्षों ने वचन लिखकर दिया था कि, वह अपने इलाके में कोई गड़बड़ नहीं होने देंगे। अभी जो नये थानाध्यक्ष बनाये गये हैं, उनसे भी लिखवाइए कि उनके इलाके में शराब का कोई अवैध कारोबार नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोहिबिशन को लेकर नैतिक एवं कानूनी दोनों ही रूप से माहौल बनाना पड़ेगा। 2 अक्टूबर को गाँधी जी की 150वीं जयंती के मौके पर और अधिक मजबूती के साथ इसको लेकर कैम्पेन चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैम्पेन के कारण ही बिहार में होने वाले बाल विवाह के आंकड़ों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस काम में लगे अधिकारियों का नैतिक रूप से कमिटमेंट होना चाहिए। जो भी इधर-उधर करने वाले हैं, उन पर प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित कीजिये। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक का यह दायित्व है कि निचले स्तर पर गड़बड़ करने वाले पर एक्शन लेने में कोई कोताही न हो। उन्होंने कहा कि पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस अभियान को और आगे बढ़ाया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में कमिटमेंट फॉलो होना चाहिए।
समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रमण्डलीय आयुक्त, आई0जी0, डी0आई0जी0, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक जुड़े हुये थे।
बैठक में मद्य निषेध, उत्पाद, निबंधन तथा ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक  के0एस0 द्विवेदी, प्रधान सचिव गृह, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, सचिव सूचना प्रोद्यौगिकी राहुल सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, अपर पुलिस महानिदेषक एस0के0 सिंहल, अपर पुलिस महानिदेषक आर्थिक अपराध जे0एस0 गंगवार, आई0जी0 प्रोहिबिषन रत्न संजय, उत्पाद आयुक्त आदित्य कुमार दास सहित पुलिस मुख्यालय एवं मद्य निषेध विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।


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