दरभंगा/बिहार : दरभंगा का डीएमसीएच् मेडिकल छात्रों के लिए पढ़ाई कम और राजनीति का अखाड़ा ज़्यादा हो गया है। हर छोटी बड़ी बातों पर अस्पताल में कार्यसेवा को बाधित करना आम बात सा हो गया है। प्राप्त सूचना अनुसार आज फिर इमरजेंसी विभाग में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, जब चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों ने अपना सेंटर डीएमसी में नहीं होकर मुजफ्फरपुर एमआईटी कॉलेज किये जाने का विरोध करते हुए इमरजेंसी को ठप कर दिया। घटना शाम 5 बजे की है।
छात्रों की मांग थी के दूसरे मेडिकल कॉलेज में चतुर्थ सेमेस्टर कर परीक्षा अपने गृह जिला में रखा गया है लेकिन यहां छात्रों का परीक्षा मुजफ्फरपुर दे दिया गया है। इसको लेकर छात्रों ने डीएमसीएच के अस्पताल अधीक्षक और प्रधानाचार्य से बात की लेकिन कोई हल नहीं निकलता देख छात्रों ने इमरजेंसी से मरीजो को बाहर निकाल दिया और साथ ही डॉक्टरों व कर्मचारियों को भी बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया।
छात्र छात्राएं इमरजेंसी के सामने ही अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। दूर-दराज से आये गंभीर मरीजो को भी छात्र-छात्राओं के आक्रोश झेलना पड़ रहा। जो समृद्ध परिवार के मरीज है वह निजी अस्पताल व क्लिनिक की तरफ अपना रूख कर लिये लेकिन जो गरीब है वह निजी क्लिनिक में नहीं जा पा रहे है। इनमें से कई मरीजों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। वहीं हड़ताल से डीएमसीएच के अन्य विभागों में भी इसका असर दिखने लगा है। इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डा. आर.आर प्रसाद से बात की गयी तो उन्होंने हड़ताल की पुष्टि करते हुए कहा कि आपातकालीन विभाग को ठप करना कही से भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि छात्रो की समस्या को कुलपति से लेकर बिहार सरकार को अवगत करा दिया गया है।
वहीं सारे मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दे दिया गया है। बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है। उन्होंने साफ-तौर पर कहा कि जिला प्रशासन चाहे, तो आपातकालीन विभाग खुलवा सकता है। हमारे डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी काम करने को तैयार हैं, लेकिन खबर लिखे जाने तक आपातकालीन विभाग में ताला झूल रहा था।