मधेपुरा : एमडीएम बंद रखने का ग्रामीण और शिक्षा समिति का निर्णय, राशि वसूली की कार्रवाई को बताया गलत

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जफ़र अहमद
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिले के बिहारीगंज प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामगंज में एमडीएम बंद रखने के फैसले के बाद डीपीओ एमडीएम ने एचएम पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक गौतम कुमार गुप्त को प्रेषित पत्र में डीपीओ (एमडीएम) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विभागीय निदेशानुसार औसत उपस्थिति कम पाए जाने पर दंड स्वरूप राशि वसूली का प्रावधान है। अगर दंड से आहत हैं तो पत्र निर्गत की तिथि के 30 दिनों के अंदर अपील कर सकते हैं। मध्याह्न भोजन को बंद करने या अन्य एजेंसी के माध्यम से एमडीएम संचालन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।

राशि वसूली के विरोध में 3.1.2019 को विद्यालय शिक्षा समिति की अध्यक्षा प्रतिमा देवी की अध्यक्षता में आपात बैठक आयोजित कर एमडीएम चालू करवाने का प्रयास एचएम द्वारा किया गया परंतु उपस्थित सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि पदाधिकारी के इस तुगलकी फरमान के विरोध में एमडीएम बंद ही रखा जाए। जब भौतिक उपस्थिति और पंजी की उपस्थिति समान थी तो कार्रवाई क्यों की गयी? इस फरमान को सभी सदस्यों ने गाँव व विद्यालय की प्रतिष्ठा के खिलाफ बताते हुए आक्रोश व्यक्त किया और फैसला लिया गया कि मध्याह्न भोजन किसी अन्य एजेंसी द्वारा चलवाया जाय। बैठक में विद्यालय शिक्षा समिति सदस्य पूनम देवी, बेबी देवी, लीला देवी, सावित्री देवी, रिंकू देवी, ग्रामीण अनिरुद्ध यादव, बिजेंद्र राम, शम्भू पौद्दार, बाल संसद के मनोनीत छात्र सदस्य आदि उपस्थित थे

ये है मामला

दिनांक 27.8.2018 को बीआरपी एमडीएम बिहारीगंज द्वारा औचक निरीक्षण में विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति 153 पायी गयी थी। जांच प्रतिवेदन में उल्लिखित किया गया कि पिछले पांच दिनों की तुलना में औसत उपस्थिति कम पायी गयी। इसी आधार पर 23537 रुपये की वसूली का पत्र निर्गत हुआ जिसे विद्यालय शिक्षा समिति ने नकार दिया। सदस्यों का कहना है कि जब एमडीएम चालू है और छात्रोपस्थिति पंजी और भौतिक पंजी  समान है तो राशि वसूली का फरमान सरासर गलत है। ग्रामीणों, सदस्यों, छात्रों और रसोइयों का कहना है कि जब से नए एचएम का पदस्थापन हुआ है विद्यालय विकास के पथ पर अग्रसर है, नियमित और मेनू अनुसार मध्याह्न भोजन चलता है, पढ़ाई भी बेहतर हुआ है। अगर पदाधिकारियों द्वारा इस तरह की कार्रवाई की जाती है तो यह विद्यालय हित में बिल्कुल नहीं है।

ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि किसी एचएम को विद्यालय शिक्षा समिति का समर्थन एमडीएम बंद करने को लेकर मिल रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि विद्यालय शिक्षा समिति के निर्णय के आलोक में विभाग क्या नया रुख अपनाता है?


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