मधेपुरा : बीएन मंडल विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के भविष्य से क्यों किया जा रहा है खिलवाड़? कब तक होगा सत्र नियमित ?

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : बीएन मंडल विश्वविद्यालय प्रशासन सत्र नियमितीकरण की दिशा में प्रयास तो कर रहा है, लेकिन अभी भी कुछ व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को छोड़ किसी भी पाठ्यक्रम का सत्र नियमित नहीं हो पाया है। स्नातकोत्तर का सत्र अभी भी दो वर्ष पीछे चल रहा है। दीक्षांत समारोह को लेकर पीजी सत्र 2014 – 16 का परीक्षा परिणाम आनन – फानन में घोषित कर दिया गया, लेकिन अक्टूबर माह में संपन्न पीजी सत्र 2016 – 18 के प्रथम एवं दिसंबर माह में संपन्न पीजी सत्र 2015 – 17 की तीसरे सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम अभी तक जारी नहीं किया गया है। सत्र नियमित नहीं रहने से छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है। छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदन नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा स्नातक के विभिन्न खंडों का सत्र भी विलंब है। बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय फरवरी 2019 तक स्नातकोत्तर सत्र नियमित करने की बात कह रहे हैं। फिलहाल यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का बेशकीमती दो वर्ष विश्वविद्यालय प्रशासन की ढुलमुल नीतियों की वजह से बर्बाद हो गया है।

अनियमित सत्र को सुधारने में नाकाम : बीएन मंडल विश्वविद्यालय प्रशासन वर्षों से अनियमित सत्र को सुधारने में नाकाम साबित हो रहा है। यद्यपि पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान जल्दी-जल्दी कई परीक्षाएं आयोजित कर सत्र नियमित करने की दिशा में प्रयास तो किए गए हैं। बावजूद इसके वर्त्तमान में स्नातक का सत्र लगभग छह माह व स्नातकोत्तर का डेढ़ वर्ष विलंब है। ऐसे में यहां नामांकन लेने वाले छात्रों का बेशकीमती समय यूं ही जाया हो रहा है।

लागू हो नहीं पा रहा परीक्षा कैलेंडर : विश्वविद्यालय की ओर समय पर परीक्षा आयोजित करने के लिए पिछले वर्ष परीक्षा कैलेंडर जारी किया गया। लेकिन परीक्षा कैलेंडर के अनुसार परीक्षाएं आयोजित नहीं हुई। समय पर परीक्षा नहीं होने का कारण बीएनएमयू और पूर्णिया विश्वविद्यालय के बीच टकराव भी है।

पीजी का सत्र है लगभग 2 वर्ष विलंब : बीएनएमयू में स्नातक का सत्र छह माह विलंब है। स्नातक सत्र 2015-18 के तृतीय खंड में अभी नामांकन ही हो रहा है। जबकि इसका परीक्षा परिणाम सितंबर-अक्टूबर तक में आ जाना चाहिए था। इसी तरह स्नातक प्रथम खंड सत्र 2017-18 की परीक्षा अभी तक नहीं ली गई है। इसके अलावा स्नातकोत्तर सत्र 2015-17 के तीसरे सेमेस्टर का रिजल्ट नहीं दिया गया है। सत्र 2016-18 के केवल एक सेमेस्टर की परीक्षा ही हुई है। जबकि नियमानुसार सितंबर में ही इसका रिजल्ट प्रकाशित हो जाना था। वहीं स्नातकोत्तर सत्र 2017-19 में अभी नामांकन चल रहा है।

बीएनएमयू द्वारा 25 जून 2018 को जारी किया गया था परीक्षा कैलेंडर : बीएनएमयू प्रशासन द्वारा 25 जून 2018 को बीएनएमयू के स्थापना के बाद पहली बार परीक्षा कैलेंडर जारी किया गया था। परीक्षा कैलेंडर के अनुसार फरवरी 2019 तक सभी अनियमित सत्र को नियमित करना था। लेकिन विश्वविद्यालय के रवैया को देखते हुए फिलहाल सत्र नियमित होने की आस नहीं दिखती है। 25 जून 2018 को जारी किए गए पत्र में विश्वविद्यालय द्वारा साफ निर्देश दिया गया था कि राजभवन के निर्देशों के अनुरूप सभी लंबित परीक्षा वर्ष 2018 में लेकर रिजल्ट प्रकाशित करने के लिए बीएन मंडल विवि कटिबद्ध है।

इस बाबत बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने बताया कि राजभवन सचिवालय को विस्तृत परीक्षा कैलेंडर उपलब्ध कराते हुये समुचित जानकारी प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 तक के सभी लंबित परीक्षा का आयोजन पैतृक विवि को करना है। यह राज भवन का स्पष्ट निर्देश है। निर्देशों का शब्दश: अनुपालन हो इसका पुरा ध्यान रखा जा रहा है। इस संबंध में प्रतिकुलपति प्रो डा फारूक अली को राज भवन को उपलब्ध कराये गये तिथि के अनुसार परीक्षा लेकर रिजल्ट प्रकाशन के लिए विशेष रूप से निर्देशित किया गया है। वहीं परीक्षा नियंत्रक को भी यह साफ कर दिया गया है कि बगैर किसी परिवर्तन के मुक्कमल तैयारी के साथ इन तिथियों में परीक्षा लेकर रिजल्ट प्रकाशित किया जाय. छात्रों को किसी किस्म की असुविधा न हो।

बीएनएमयू के छात्र लगभग दो साल पीछे : विश्वविद्यालय द्वारा जारी परीक्षा कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2018 तक की सारी परीक्षाओं का परिणाम फरवरी 2019 तक जारी कर दिया जाना था। लेकिन अभी स्नातक सत्र 2015 – 18 के तृतीय खंड की परीक्षा अभी तक नहीं हो पाई है। वहीं स्नातक सत्र 2016 – 19 के द्वितीय खंड में नामांकन ही हुआ है, साथ ही स्नातक सत्र 2017 – 20 के प्रथम खंड का अभी परीक्षा प्रपत्र भरने का कार्य चल रहा है। वहीं बीएनएमयू के अगर स्नातकोत्तर की स्थिति देखी जाए तो बहुत ही दयनीय है। स्नातकोत्तर सत्र 2015 17 की तीसरी सेमेस्टर की परीक्षा हो गई है। रिजल्ट प्रकाशित नहीं की गई है। स्नातकोत्तर सत्र 2016 18 की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा हुई है और रिजल्ट प्रकाशित अब तक नहीं हो पाई है, साथ ही स्नातकोत्तर 2017 19 कि अब तक प्रथम सेमेस्टर की भी परीक्षा नहीं हुई है। बीएनएमयू की लचर व्यवस्था के कारण बीएनएमयू के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्र लगभग दो साल पीछे चल रहे हैं।

रिजल्ट पेंडिंग होने के कारण दीक्षांत समारोह से वंचित रह गए छात्र : अगर बीएनएमयू प्रशासन आनन-फानन में परीक्षा ली भी लेती है तो बीएनएमयू में छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग में फंस जाता है। स्नातक सत्र 2016 – 19 का परीक्षा परिणाम 20 दिसंबर को जारी किया गया। जिसके बाद कई छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग हो गया। वही स्नातकोत्तर सत्र 2014 – 16 के चौथे सेमेस्टर का परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम आनन-फानन में घोषित किया गया। जिसके कारण सैकड़ों छात्रों का रिजल्ट अभी भी पेंडिंग में है।

 मालूम हो कि स्नातकोत्तर सत्र 2014 – 16 के छात्रों का दीक्षांत समारोह 23 दिसंबर को हो गया है। रिजल्ट पेंडिंग होने के कारण वैसे सैकड़ों छात्र जिनका रिजल्ट पेंडिंग में है, दीक्षांत समारोह से वंचित रह गए। हालांकि रिजल्ट पेंडिंग होने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंप लगाकर रिजल्ट सुधार करने की बात कही है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि पांच जनवरी से सात जनवरी तक कैंप लगाकर पेंडिंग रिजल्ट कि सुधार की जाएगी, जिसके लिए छात्र अपने महाविद्यालय में आवेदन दें।

असहयोगात्मक रवैया भी सत्र विलंब का बना कारण : बीएनएमयू द्वारा परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया गया, लेकिन सत्र अत्यधिक विलंब होने के कारण परीक्षा कैलेंडर लागू नहीं हो पाया है। साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा कैलेंडर का सही ढंग से पालन भी नहीं किया जा रहा है। वही विश्वविद्यालय के अनुसार विश्वविद्यालय का क्षेत्रफल लंबा होने के कारण परीक्षा और परीक्षा परिणाम घोषित करने में विलंब होता है क्योंकि यह विश्वविद्यालय सात जिलों में फैला हुआ है। हालांकि अब पूर्णिया जिले में भी पूर्णिया विश्वविद्यालय पूर्णिया की शुरुआत हो चुकी है। जिसके बाद बीएनएमयू का क्षेत्रफल मात्र तीन जिला ही होगा। लेकिन वर्ष 2018 तक की परीक्षा राजभवन के निर्देशानुसार बीएनएमयू को ही लेना है। वहीं बीएनएमयू में अधिक छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग में होना और उसका रिजल्ट सुधार होने के नाम पर भी परीक्षा और परीक्षा परिणाम में विलंब होता है। साथ ही साथ पूर्णिया विश्वविद्यालय का बीएनएमयू से असहयोगात्मक रवैया भी परीक्षा और परीक्षा परिणाम में विलंब करवाती है।

कुलपति

सत्र नियमित करने हेतु भी कृत संकल्पित

बीएनएमयू कुलपति, प्रो. डॉ. अवध किशोर राय ने बताया कि हम सत्र नियमित करने हेतु भी कृत संकल्पित हैं। पिछले एक वर्ष में कुल 89 परीक्षाएँ आयोजित की गईं, उनमें से 80 का परीक्षाफल प्रकाशित हो चुका है। शेष 09 परीक्षाओं का परीक्षाफल इस माह के अंत तक प्रकाशित कर दिये जाएँगे। हमने गत 23 दिसंबर को आयोजित दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर 2015-16 के विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किया. आगे के सत्रों की परीक्षाओं की तिथि भी घोषित हैं. जुलाई 2019 तक सत्र नियमित होने की उम्मीद है।”
छात्र प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

हर्ष वर्धन सिंह, राठौर

“AISF के राज्य उपाध्यक्ष सह बीएन मंडल व पुरनियाँ विवि प्रभारी, हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का नामांकन ,परीक्षा और परिणाम को पटरी पर लाना मूल उद्देश्य होता है, लेकिन बीएनएमयू स्थापना काल से इसे पाने में नाकामयाब रहा है। वर्तमान कुलपति लगातार इसे सुधारने के दावे करते रहे हैं, लेकिन अपने कार्यकाल के लगभग दो वर्ष में वो इसे अंजाम देने में सफल नहीं रहे हैं। स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षा और परिणाम समय पर नहीं होने से बड़ी संख्या में युवाओं का भविष्य दांव पर लग रहा है. हर बार दावे तो हुए पर ईमानदार प्रयास नहीं की गयी है। परीक्षा विभाग की खामियों को दूर करने को लेकर जल्द ही एआईएसएफ एक कारगर रूप रेखा के साथ कुलपति से मिलकर पहल की मांग करेगा।”

“बीएन मंडल विश्वविद्यालय, छात्रसंघ अध्यक्ष, कुमार गौतम ने कहा कि एनएमयू प्रशासन एवं परीक्षा विभाग तो रिजल्ट पेंडिंग करने में

कुमार गौतम

महारत हासिल कर लिया है। सच कहें तो छात्र का टाइम किलर बन गया है बीएनएमयू. बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय भी सेशन ठीक करने का आश्वासन देकर अपने दो साल पूरे कर लिए हैं। 28 नवंबर 2013 से प्रीपीएचडी की एंट्रेंस नहीं ली गई है। इसमे भी कुलपति सिर्फ आश्वाशन देने का काम किया है। कुछ क्षेत्र में बीएनएमयू प्रशासन अपनी पीठ खुद थपथपा लेते हैं।  विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा कैलेंडर तो जारी कर दिया गया है। लेकिन वह सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गया है। हकीकत में धरातल पर अब तक विश्वविद्यालय द्वारा कोई पहल नहीं हो पाया है। विश्वविद्यालय द्वारा सिर्फ और सिर्फ निर्देश जारी किया जाता है। अगर विश्वविद्यालय सत्र नियमितीकरण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तो विश्वविद्यालय छात्र संघ को ठोस कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।”

दिलीप कुमार दिल

“विश्वविद्यालय छात्रसंघ काउंसिल मेंबर दिलीप कुमार दिल ने कहा कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय का बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण विषय है परीक्षाएं बहुत लेट चल रही है। जिसके कारण छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है नया साल में विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द सभी परीक्षा आयोजित करवाए, समय पर रिजल्ट प्रकाशित हो।  विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में काफी गड़बड़ी की जाती है परीक्षा विभाग के तमाम पदाधिकारी टेबल चेंज जब तक नहीं होगा तब तक सभी परीक्षाएं समय पर नहीं होगी। परीक्षा विभाग के कारण ही सभी परीक्षार्थियों का रिजल्ट रुकता है क्लियर नहीं होता है।  परीक्षा विभाग को सही करना बहुत ही जरूरी है।”

“विश्वविद्यालय एसएफआई प्रभारी, सारंग तनय ने कहा कि बीएनएमयू को बने 26 साल हो गए हैं, लेकिन छात्र आज भी मौलिक सुविधाओं

सारंग तनय

से महरूम है। नए कैम्पस में न पीने लायक पानी है और न ही बिजली, जिससे छात्र को काफी परेशानी हो रही है। बीएनएमयू में सेशन लेट होने से छात्र को काफी परेशानी हो रही है। स्नातकोत्तर सत्र 2015 – 17 अब तक क्लियर नहीं हुआ है। स्नातक का भी यही हाल है। रिजल्ट टाइम पर नही निकलने के कारण बैंक, रेलवे, बीपीएससी, यूजीसी नेट, बीपीएससी असिस्टेंट आदि के फॉर्म भरने से वंचित होना पड़ा है। समय पर परीक्षा एवं परिणाम देने में बीएनएमयू अब तक असफल साबित हुआ है। संयुक्त छात्र संगठन एक बार रिजल्ट में गड़बड़ी व सेशन को लेकर छात्र हित मे जोरदार आंदोलन करेगी।”

रंजन यादव

“अभाविप प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, रंजन यादव ने कहा कि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में परीक्षा संचालन और रिजल्ट प्रकाशन में हो रही लेट लतीफी के कारण सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में लटकता जा रहा है। इसका मुख्य कारण है। परीक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग जुड़े तमाम पदाधिकारी की गैर जिम्मेदाराना रवैया। जिसके कारण न तो सही समय पर परीक्षा हो रहा है और ना ही समय पर रिजल्ट का प्रकाशन और हाल में जब से पूर्णिया विश्वविद्यालय अलग हुआ है, उसके असहयोगात्मक रवैया के कारण भी परीक्षा कैलेंडर लागू करने में परेशानी हो रही है।”

निशांत यादव

“एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन केवल अपनी पीठ थप-थापने में विश्वाश करती है। छात्रों के भविष्य की परवाह इन्हें नहीं है। विवि स्थापना से आज तक सत्र नियमितिकरन पर हजारों बार लगभग सभी कुलपति ने वाहवाही लूटी है और न्यूज़ पेपर का हैडलाइन बना है। लेकिन धरातल पर सब शून्य है। बीएनएमयू के परीक्षा विभाग को लकवा मार गया है। छात्रों को बहुत से दिक्कतों और कठिनाइयों का सामना करना पर रहा है। लेकिन कुलपति इसमें सुधार करने से बचते रहे है और सिर्फ छात्रों को आश्वासन ही मिलता है. यह सभी छात्रों को असमंजस में डाल रहा है।”

रौशन कुमार बिट्टू

“जन अधिकार छात्र परिषद जिलाध्यक्ष, रोधन कुमार बिट्टू ने कहा कि बीएनएमयू छात्रो के लिए अभिशाप हो चुका है। परीक्षा परिणाम, प्रवेश प्रपत्र, परीक्षा संस्थान हर एक मोड पर छात्रो का शोषण करना विश्वविधालय के सभी कर्मचारियो का पेशा है। अगर सही समय अनुसार परीक्षा और परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाता है तो उगाही कहा से होगी उपर की कमाई कहां से होगी। यही सब कारण है की बीएनएमयू का सत्र नियमित नहीं हो पाया है। वर्तमान कुलपति भी नामांकन, परीक्षा, परिणाम को पटरी पर लाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। परीक्षा विभाग में बड़े सुधार से नामांकन, परीक्षा और परिणाम को सही किया जा सकता है। इसके लिए विश्वविद्यालय और छात्र संगठनों को मिलकर ईमानदार प्रयास करने की जरूरत है। साथ ही परीक्षा कैलेंडर को लागू करने के लिए भी ईमानदार प्रयास की जरूरत है।”

मो० वसीमुद्दीन

“एआईएसएफ जिलाध्यक्ष, मो० वसीमुद्दीन ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी सिद्धांत से भटक चुका है। कुलपति छात्र प्रतिनिधियों को लंबा लंबा बात कह कर उलझाने का काम करते हैं। अब तक स्नातक के कई खंड एवं स्नातकोत्तर के भी कई सत्र पीछे चल रहे हैं कई परीक्षाएं तो हुई है पर उसका परिणाम घोषित नहीं किया गया है, तो कई परीक्षाएं भी अब तक नहीं ली गई है। विश्वविद्यालय द्वारा सिर्फ नाम के लिए परीक्षा कैलेंडर जारी किया गया है, लेकिन परीक्षा कैलेंडर के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन कार्य करने में विफल साबित हो गई है। अगर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम के सत्रों में जल्द से जल्द सुधार लाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता है तो एआईएसएफ एक बड़े आंदोलन को बाध्य होगी।”


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